सरकार ने लगाया किराया कंट्रोल, एयरलाइंस की मनमानी पर रोक

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo की उड़ानें लगातार पाँचवे दिन भी रद्द हो रही हैं। लेकिन असली “टर्बुलेंस” आसमान में नहीं, टिकट की कीमतों में था—क्योंकि मौके का फायदा उठाकर दूसरी एयरलाइंस ने दाम ऐसे बढ़ा दिए जैसे क्रिप्टो बुल रन चल रहा हो!

यही देखकर आखिरकार सरकार बोली—“बस, अब बहुत हुआ!”

सरकार ने लगाया किराया-कंट्रोल: अब मनमानी नहीं चलेगी

केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस को साफ निर्देश दिया है— “प्रभावित रूट्स पर निर्धारित किराया सीमा का कड़ाई से पालन करो, नहीं तो एक्शन तय है।”

क्योंकि शिकायतें मिल रही थीं कि कई एयरलाइंस ने किराया दोगुना-तीन गुना तक बढ़ा दिया था। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था स्थिति सामान्य होने तक लागू रहेगी।

सरकार का उद्देश्य:

  • यात्रियों को लूट से बचाना
  • छात्रों, बुजुर्गों, मरीजों को विशेष राहत देना
  • मार्केट में “price discipline” बनाए रखना

सभी रूट्स पर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग भी चलेगी।

5 दिनों में 2000+ फ्लाइट रद्द — यात्रियों की जिंदगी में कैओस

दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोच्चि, पटना, हैदराबाद और तिरुवनंतपुरम सहित कई शहरों से खबरें:

लोग एयरपोर्ट फर्श पर लेटे दिखे। किसी की एग्ज़ाम, किसी की इंटरव्यू, किसी का बिज़नेस मीटिंग लटक गया। कई यात्रियों का कहना—“फ्लाइट नहीं, पूरी जिंदगी डिले हो गई है।”

सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा—“Flight cancel, refund pending, fare double… बस उम्मीद ही उड़ रही है!”

किराया बढ़ाने पर एयरलाइंस का साइलेंट मोड

कई एयरलाइंस ने— टिकट प्राइस डबल किया। last-minute fare को Premium+Ultra Premium बना दिया। यात्रियों की जेब उड़ाकर रख दी।

मंत्रालय का फैसला इन “opportunistic pricing” पर ब्रेक लगाने के लिए ही आया है।

सरकार का संदेश साफ: Crisis ≠ Looting Opportunity

सरकार ने एयरलाइंस को हिदायत दी— “ऐसे समय में यात्रियों का फायदा उठाने की कोशिश बिलकुल बर्दाश्त नहीं।”

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